अंतर राज्य ट्रांसमिशन से सुधरेगी बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति:मनोहर लाल

अंतर राज्य ट्रांसमिशन से सुधरेगी बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति:मनोहर लाल

नगरपालिका सेवाओं, शहरी भूमि और आयोजना को मिलेगा प्रोत्साहन
चंडीगढ़, 1 फरवरी। केंद्रीय बजट में बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति और क्षमता में सुधार करने के लिए बिजली वितरण और अंतर-राज्य ट्रांसमिशन क्षमता को प्रोत्साहित करने की सौगात दी गई है। बजट में पीएम स्वनिधि योजना ने उच्च ब्याज दर वाले अनौपचारिक क्षेत्र के ऋणों से राहत पहुंचाते हुए 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित किया है।
केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में कहा कि बिजली वितरण और अंतर-राज्य ट्रांसमिशन क्षमता को प्रोत्साहित केस सुधारों के तहत राज्यों को जीएसडीपी का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी जाएगी।
केंदीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बजट में परमाणू ऊर्जा मिशन स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई गई है और 2033 तक कम से कम 5 स्वदेशी रूप से विकसित एसएमआर चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऊर्जा परिवर्तन संबंधी प्रयासों के लिए वर्ष 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का विकास अत्यावश्यक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी हेतु परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणुवीय नुकसान के लिए सिविल दायित्व अधिनियम में संशोधन किए जाएंगे।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शहरी कामगारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम कार्यान्वित की जाएगी ताकि उनकी आय बढ़ाने, धारणीय आजीविका और जीवन का बेहतर स्तर प्राप्त करने में उनकी सहायता की जा सके।
बजट में पीएम स्वनिधि का पुनर्गठन किया जाएगा। बैंकों से ऋण में वृद्धि, 30,000 रुपये की सीमा के साथ यूपीआई से जुड़े क्रेडिट कार्ड और क्षमता निर्माण सहायता की जाएगी। प्रस्तावों को लागू करने के लिए 1 लाख करोड़ का शहरी चुनौती कोष जुलाई के बजट में ‘विकास केन्द्र के रूप में शहर’ , ‘ शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास’ और ‘ जल एवं स्वच्छता’ के लिए योजनाओं की घोषणा की गई थी। केंद्रीय बजट में 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।