एससी-एसटी एक्ट के मामलों में पीड़ितों के राहत और पुनर्वास में न हो कोई ढिलाईः डीसी

एससी-एसटी एक्ट के मामलों में पीड़ितों के राहत और पुनर्वास में न हो कोई ढिलाईः डीसी

झज्जर, 2 जून।
अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ होने वाले अत्याचारों की निगरानी और पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में ‘अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम’ के तहत विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन, पीड़ितों को दी गई सहायता राशि, पुनर्वास सुविधाएं और संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। अधिनियम के अनुपालन में अधिकारियों की भूमिका, उनके द्वारा की गई कार्रवाई और जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर गहन चर्चा की गई।
जिला कल्याण अधिकारी श्वेता शर्मा ने मीटिंग में उपायुक्त के समक्ष उन मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिनमें अनुसूचित जाति के पीड़ितों को सहायता राशि प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि बीते वित्त वर्ष के दौरान 15.62 लाख रुपये की सहायता राशि पीड़ितों को प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि अप्रैल, मई और जून महीने में ऐसे आठ मामलों में 12 लाख रुपये कि सहायता प्रदान की गई है।
बैठक में समीक्षा उपरांत डीसी ने कहा कि कमेटी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज अत्याचार के मामलों में त्वरित न्याय और सहायता प्रदान की जाए। यह बैठक न केवल पीड़ितों को समय पर राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने का मंच है, बल्कि यह प्रशासनिक जवाबदेही को भी सशक्त करती है। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के अधिकारियों को निर्देश दिए।
मीटिंग में एसडीएम बेरी रेणुका नांदल, जिला समाज कल्याण अधिकारी विरेंद्र यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ टीएस बागड़ी, टीडब्ल्यूओ सुमित्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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