गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए डेडिकेटिड काउंटर शुरू करने के लिए मुआयना करते डीसी निशांत कुमार यादव। मेदांता व फोर्टिस अस्पताल में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए जल्द शुरू होगा डेडिकेटिड काउंटर -रियायती दरों पर जमीन पाने वाले निजी अस्पतालों में मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा -कुल बेड संख्या का 20 प्रतिशत हिस्सा बीपीएल परिवारों के आरक्षित

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए डेडिकेटिड काउंटर शुरू करने के लिए मुआयना करते डीसी निशांत कुमार यादव। मेदांता व फोर्टिस अस्पताल में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए जल्द शुरू होगा डेडिकेटिड काउंटर -रियायती दरों पर जमीन पाने वाले निजी अस्पतालों में मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा -कुल बेड संख्या का 20 प्रतिशत हिस्सा बीपीएल परिवारों के आरक्षित

गुरुग्राम (राकेश)। गुरुग्राम के दो और नामी अस्पतालों में जल्द ही बीपीएल परिवारों को भी इलाज की सुविधा मिलेगी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) से रियायती दरों पर जमीन प्राप्त करने वाले अस्पतालों को सरकार की योजना के अनुसार इन परिवारों को इलाज मुहैया करवाना होगा। इस कड़ी में मेदांता और फोर्टिस अस्पताल का नाम भी जुड़ गया है। इन दोनों अस्पतालों में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए डेडिकेटिड काउंटर शुरू किया जाएगा। आर्टिमिस अस्पताल ने पहले ही इस तरह की व्यवस्था शुरू कर दी है।
शनिवार को डीसी निशांत कुमार यादव ने मेदांता द मेडिसिटी, फोर्टिस व आर्टिमिस अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने तीनों अस्पतालों बीपीएल परिवारों के इलाज से संबंधित सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए प्रबंधन से जरूरी विषयों पर चर्चा की। आर्टिमिस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बीपीएल परिवारों के इलाज से संबंधित विषयों की व्यवस्था के लिए ही स्थान पर निपटाने के लिए विशेष काउंटर बनाया गया है। इस काउंटर पर हरियाणा सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे और पात्र व्यक्तियों के इलाज प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। डीसी निशांत कुमार यादव ने काउंटर का कार्य समझा और प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसी तरह मेदांता द मेडिसिटी और फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन को भी डीसी ने इसी तरह का काउंटर शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि दोनों अस्पताल अपने यहां कुल बेड संख्या का 20 प्रतिशत हिस्सा बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए आरक्षित रखें। डीसी ने अस्पताल प्रबंधन से कहा यदि कोई बीपीएल मरीज उपलब्ध नहीं है तो गरीबों के लिए आरक्षित बेड पर सामान्य मरीज को दाखिल किया जा सकता है, लेकिन जैसे ही बीपीएल या ईडब्ल्यूएस श्रेणी का कोई मरीज आएगा तो वह बेड खाली करवाना पड़ेगा। उनके लिए अस्पताल में जेनेरिक दवाओं की भी व्यवस्था हो। इस श्रेणी के अंतर्गत मुख्यमंत्री हरियाणा, स्वास्थ्य मंत्री, सिविल सर्जन या जिला का नोडल अधिकारी, उपायुक्त एवं जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष की स्वीकृति से जिला रेड क्रॉस सोसाइटी इन अस्पतालों को इलाज के लिए मरीज रेफर करेंगे। इसके अलावा, आयुष्मान भारत, चिरायु कार्ड तथा बीपीएल कार्ड धारक व्यक्ति सीधे भी अस्पताल में इलाज के लिए जा सकते हैं। आपात स्थिति में मरीज के इलाज को प्राथमिकता दी जाएगी और कागज कार्यवाही बाद में की जाएगी। इस मौके पर चीफ  प्रोटोकॉल ऑफिसर वत्सल वशिष्ठ, सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र यादव, उप-सिविल सर्जन डॉक्टर अनुज भी मौजूद रहे।

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