संविधान निर्माता डा. बीआर अम्बेडकर को दी श्रद्धांजलि
-भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 131वें जन्मोत्सव पर जिला स्तरीय कार्यक्रम
गुरुग्राम (राकेश भट्ठी)। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का 131वां जन्मोत्सव पर यहां सिविल लाइन्स स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता मुख्य अतिथि रहे।
कार्यक्रम में सत्यप्रकाश जरावता ने बाबा साहेब की फोटो के सामने दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित करने उपरान्त अपने संबोधन में कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने सम्पूर्ण जीवन में समाज के शोषित व उपेक्षित वर्गके उत्थान के लिए कार्य किया। वहीं देश आजाद होने के उपरांत समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को समाज में बराबरी का अधिकार मिले इसके लिए उन्होंने संविधान में उनको विशेष अधिकार भी दिए। श्री जरावता ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि गरीब को उनके हक तय समय में व सरल माध्यम से मिले, इसी उद्देश्य के साथ आज हरियाणा सरकार पूरी तरह से बाबा साहेब के मिशन को समर्पित है। प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों का आयोजन कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही हैं। वहीं प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बाबा साहेब के जीवनकाल से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों का कायाकल्प करते हुए उन्हें आमजन को समपिज़्त कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में आज पूरे प्रदेश में गुरु रविदास, संत कबीरदास, श्री वाल्मीकि जयंती व बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है।
गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब ने भारत की आजादी के बाद देश के संविधान के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। बाबा साहब ने हमेशा से कमजोर और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए काम किया है। यही कारण है कि आज उनके जयंती को जातिगत भेदभाव और उत्पीडऩ जैसी सामाजिक बुराइयों से लडऩे के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अपने सम्पूर्ण जीवन में जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम करते रहे। उन्होंने समाज में भेदभाव मिटाने के लिए सदैव शिक्षा को प्रमुख रखा। उनका मानना था कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली साधन है, जिसको आप समाज में बदलाव के लिए उपयोग कर सकते हैं।
