गुरुग्राम विश्वविद्यालय में विवि की इन्द्रप्रस्थ गु्रप के साथ एमओयू साइन करके फाइलों का आदान-प्रदान करते कुलपति व संस्थान के अधिकारी।

 गुरुग्राम विश्वविद्यालय में विवि की इन्द्रप्रस्थ गु्रप के साथ एमओयू साइन करके फाइलों का आदान-प्रदान करते कुलपति व संस्थान के अधिकारी।

गुरुग्राम विवि के छात्र भर सकेंगे उड़ान, शुरू होगा एविएशन कोर्स
गुरुग्राम विश्वविद्यालय का इन्द्रप्रस्थ गु्रप के साथ एमओयू साइन
गुरुग्राम (राकेश भट्ठी)। एविएशन इंडस्ट्री की बढ़ती लोकप्रियता एवं रोजगार की असीम  संभावनाओं को देखते हुए गुरुग्राम विश्वविद्यालय ने इन्द्रप्रस्थ गु्रप (श्री भगवान सिंह एजुकेशनल सोसाइटी) के साथ एक एमओयू साइन किया। जीयू की तरफ से कुलपति प्रो. दिनेश कुमार और श्री भगवान सिंह एजुकेशनल सोसाइटी की तरफ  से अध्यक्ष, एस. राम ओला ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
जिसमें विमान रखरखाव, विमानन प्रबंधन और संबंधित क्षेत्रों पर विशेष जोर देने के साथ विमानन क्षेत्र में उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले जनशक्ति को बढ़ावा देने और एक केंद्र के रूप में विकसित करने की बात कही गई है। इस एमओयू के तहत विमानन के क्षेत्र में रूचि रखने वाले जीयू के छात्रों के लिए गुरुग्राम के सेक्टर-77 में स्थित एसबीएसईएस के परिसर में गुरुग्राम विश्वविद्यालय का एक ऑफ  साइट परिसर खोला जाएगा। एसबीएसईएस में खोले गए गुरुग्राम विश्वविद्यालय के इस ऑफ साइट  परिसर में विवि. के छात्र  एविएशन क्षेत्र से संबंधित बैचलर ऑफ साइंस (एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग), मास्टर ऑफ साइंस (एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग), बैचलर ऑफ साइंस (एविएशन), मास्टर ऑफ साइंस (एविएशन), बीबीए (एविएशन), एमबीए (एविएशन), बी.टेक (ड्रोन्स), बी.टेक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आदि कोर्स कर सकेंगे। आवश्यकतानुसार समय-समय पर इन कोर्सेज को शुरू किया जाएगा।  गुरुग्राम विश्वविद्यालय ने यह पहल सावर्जनिक एवं निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत की है। दोनों संस्थान अपने यहां के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, रिसर्च फेलो, संकाय सदस्यों और छात्रों के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करेंगे। इस करार के तहत एसबीएसईएस के परिसर में गुुरुग्राम विवि और उसके संबद्ध संस्थानों के छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और नौकरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
गुरुग्राम विवि के कुलपति दिनेश कुमार ने कहा कि शिक्षा को रोजगार के साथ जोडऩे की जरुरत है। छात्रों के विकास का आधार मानवीय होना चाहिए। अगर मानवीय क्षमता में वृद्धि नहीं होगी और कौशलयुक्त श्रमशक्ति उपलब्ध नहीं होगी, ऐसे में देश का आर्थिक विकास स्थायी रूप नहीं ले सकता। इस अवसर पर प्रो. एम एस तुरान, डॉ. सुमन वशिष्ठ, डॉ. राकेश योगी, डॉ. अशोक खन्ना, डॉ. नवीन गोयल, डॉ. विजय मेहता समेत अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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