अजय सैनी भिवानी। प्रचलित कहावत है कि अधिकार मांगने से नहीं छीननै से मिलते हैं। क्योंकि अधिकार पाने के लिए संघर्ष बेहद जरूरी है। जिस इलाके का जनप्रतिनिधि कमजोर है तो उस इलाके को उपेक्षा झेलनी पड़ेगी इसे कोई रोक नहीं सकता। ऐसा ही कुछ भिवानी के साथ भी पिछले डेढ़ दशक से हो रहा है। कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल हिसार से गुड़गांव दिल्ली के लिए सीधी रेल गाड़ी यात्री सुविधा के अनुसार चाहते थे। उन्होंने कई बार रेल मंत्रालय से संपर्क किया है और रेल मंत्री से मिले। आखिरकार दिल्ली से सात रोड के बीच 54085/ 54086 यात्री गाड़ी को स्वीकृति मिल गई। यह गाड़ी दिल्ली से रेवाड़ी के बीच में चलती थी। रेल मंत्रालय ने यात्री सुविधा के अनुसार इस गाड़ी को रेवाड़ी सात रोड के बीच विस्तार दे दिया और हिसार के यात्रियों को गुणात्मक लाभ 17 मई से मिलना शुरू हो जाएगा। रेवाड़ी से सात रोड जाते वक्त यह गाड़ी 11:45 पर भिवानी पहुंचेगी और 11:50 बजे रवाना होगी। जबकि सात रोड से रेवाड़ी जाते वक्त यह गाड़ी 15:15 बजे भिवानी पहुंचेगी और 15:20 बजे रवाना होगी। 17 मई से ही चंडीगढ़ से रायपुर हरियाणा के बीच रेल सुविधा शुरू हो जाएगी। सांसद नवीन जिंदल का प्रयास इसलिए भी है कि उनकी माता सावित्री जिंदल हिसार से विधायक है। इसलिए उनका हिसार व कुरुक्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार करना है। बात भिवानी को मिलने वाली रेल सुविधाओं की हो रही है तो रेलवे जहां खुद अटका वहां किसी गाड़ी को विस्तार दे दिया। इस में जनप्रतिनिधि की कोई भूमिका नहीं है। उनसे जब भी कोई रेल सुविधा संबंधित मांग को लेकर मिला तो एक ही जवाब था रेलवे के अधिकारी समझदार हैं जो उचित होगा वही करेंगे। एक अन्य राजनेता से जब लोग रेल सुविधाओं को लेकर मिलने पहुंचे तो उन्होंने शालीनता से ज्ञापन पकड़ा और कह दिया उनके इस पत्र पर तत्काल कार्रवाई होगी। रेल मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा। इतना कहकर अपने कर्तव्य का निर्वहन उक्त राजनेता ने कर दिया। राजनेताओं के मतदाताओं को लुभाने के लिए बहु स्वादिष्ट वायदे होते हैं। जिनके चटकारे मतदाता चुनाव के समय ले सकते हैं। चुनाव के बाद वही कहावत सिद्ध होती है एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा। जनता स्वाद कसैला महसूस कर रह जाती है। गत 15 वर्षों में भिवानी को रेल सुविधाओं के मामले में बीकानेर मंडल की उपेक्षा का शिकार तो होना ही पड़ा। साथ ही जनप्रतिनिधि की अनदेखी भी खूब खली। कोरोना के टाइम भिवानी से कालका के बीच दौड़ने वाली एकता एक्सप्रेस बंद हो गई। स्थिति समान्य होने के बाद अधिकांश गाड़ियां पटरी पर दौड़ने लगी। लेकिन एकता एक्सप्रेस गुमनाम अंधेरे में चली गई। जब जब जनप्रतिनिधि से लोगों ने मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह किसी भी हालत में संभव नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से इस विषय में बातचीत की हैं। ठीक उसी वक्त रोहतक के सांसद डॉक्टर अरविंद शर्मा ने एकता एक्सप्रेस के मुद्दे को लेकर हुँकार भरी तो केवल 3 महीने भीतर भिवानी कालका के बीच एकता एक्सप्रेस दौड़ने लगी बल्कि यह एक्सप्रेस स्वतंत्र गाड़ी बन गई। पहले एकता एक्सप्रेस भिवानी से पानीपत जाती थी और पानीपत से हिमालय क्वीन के साथ जुड़कर कालका जाती थी। यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पढ़ती थी। क्योंकि आते व जाते वक्त करीब एक घंटा पानीपत स्टेशन पर एकता एक्सप्रेस का ठहराव रहता था। जब एकता एक्सप्रेस चल पड़ी तो पीठ थपथपाने में सांसद के दरबारी सबसे आगे आये और उनका महिमा मंडन शुरू कर दिया। इसी दौर में खाटू श्याम के श्रद्धालुओं के लिए डॉक्टर अरविंद शर्मा ने एक और भागीरथी प्रयास किया। उन्होंने भिवानी से ढ़हर का बालाजी वाया नारनौल, रिंग्स एक्सप्रेस गाड़ी को भी मंजूरी दिलवाई और यह गाड़ी भी शुरू हो गई तो श्रेय लेने वालों की फिर कतार लग गई। देखा जाए तो प्रयोग के तौर पर भिवानी से बांद्रा, भिवानी से इंदौर दो रेल गाड़ियां साप्ताहिक तौर पर चलाई गई इन दोनों गाड़ियों की बैलेंस शीट बहुत ही बेहतर थी। इसके बावजूद इन गाड़ियों को बंद कर दिया गया। यह कमजोरी जन प्रतिनिधि की नहीं तो किसकी मानी जाएगी। भिवानी से कोटा के बीच एक एक्सप्रेस गाड़ी का कार्यक्रम भी आ गया था लेकिन ऐन वक्त पर चूरू के संसद में उसका मार्ग बदलवा दिया और हमारे जनप्रतिनिधि मुँह ताकते रह गए। जब उनसे पूछा गया तो बहुत चौकाने वाला जवाब मिला हिसार- कोटा रेलगाड़ी का कोई प्रस्ताव ही नहीं था। मानेहरू भिवानी के बीच रेल लाइन के दोहरीकरण के बाद कुछ गाड़ियों को चलाने की संभावनाएं प्रबल होती जा रही है। क्योंकि रेलवे यात्री संगठन उत्तर पश्चिम रेलवे के समक्ष भिवानी से इंदौर व भिवानी से बांद्रा एक्सप्रेस गाड़ी को तत्काल चलाने की मांग करते आ रहे हैं। उम्मीद है कि भिवानी प्रयागराज एक्सप्रेस एलएचबी रैक के साथ दौड़ेने लगी हैं। इस गाड़ी के आईसीएफ रैक फालतू हो जाएंगे। संभावना जताई जा रही है कि इन दोनों आईसीएफ रैक को भिवानी- इंदौर एक्सप्रेस रेलगाड़ी में प्रयोग किया जाएगा। ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके। इतना ही नहीं अमृतसर से ग्वालियर वाया रेवाड़ी, अलवर, मथुरा, आगरा, शीघ्र चलाई जाने का प्रस्ताव भी है। समय सारणी के अनुसार इस गाड़ी को चलाने की संभावनाओं पर भी रेलवे बोर्ड ने जानकारी मांगी है। ताकि इस गाड़ी को तत्काल प्रभाव से चलाया जा सके। इस गाड़ी को चलाने की घोषणा मानो होने जा रही है। इस गाड़ी का समय भी निश्चित हो चुका है। ग्वालियर से अमृतसर को जाने वाली 01925 एक्सप्रेस गाड़ी मंगलवार 22:40 बजे रवाना होगी और बुधवार को 17:50 बजे अमृतसर पहुंचेगी। यह गाड़ी मुरैना आगरा, मथुरा, अलवर, रेवाड़ी, भिवानी, हिसार, लुधियाना, जालंधर सिटी, व्यास के रास्ते अमृतसर पहुंचेगी। इसी प्रकार अमृतसर से ग्वालियर 01926 एक्सप्रेस गाड़ी बुधवार को 21:20 बजे रवाना होकर गुरुवार 18:30 बजे गवालियर पहुंचेगी ग्वालियर से अमृतसर जाते वक्त यह गाड़ी प्रातः 08:10 बजे भिवानी पहुंचेगी और 08:15 बजे रवाना होगी। जबकि अमृतसर से ग्वालियर जाते वक्त यह गाड़ी 6:25 बजे भिवानी पहुंचेगी और 6:30 बजे रवाना होगी। ग्वालियर से अमृतसर जाते वक्त यह गाड़ी 46.57 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 858 किलोमीटर का सफर 18 घंटे 35 मिन्ट में तय करेगी। जबकि अमृतसर से ग्वालियर जाते वक्त 39 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह गाड़ी 21 घंटे 20 मिन्ट में 858 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
