प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लगभग 2,200 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सावन के पावन माह में वाराणसी के परिवारों से मिलकर उनसे अपनी हार्दिक भावनाएं व्यक्त की। वाराणसी के लोगों के साथ अपने गहरे भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने शहर के प्रत्येक परिवार के सदस्य के प्रति अपना आदरपूर्वक अभिवादन किया। श्री मोदी ने सावन के पावन महीने में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के किसानों से जुड़ने पर भी संतोष व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी वाराणसी की पहली यात्रा है। उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को याद करते हुए कहा कि इसमें 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। श्री मोदी ने पीड़ित परिवारों, विशेषकर इस त्रासदी से प्रभावित बच्चों और बेटियों के दुःख को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि उनका हृदय इस दुःख से अत्यंत व्याकुल है और प्रधानमंत्री ने बताया कि उस दौरान उन्होंने बाबा विश्वनाथ से सभी शोक संतप्त परिवारों को यह कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का उनका वादा पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भगवान महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भगवान महादेव के चरणों में समर्पित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हाल के दिनों में, वे वाराणसी में शिव भक्तों की दिव्य छवियां देख रहे थे, विशेषकर सावन के पहले सोमवार को, जब तीर्थयात्री बाबा विश्वनाथ का पवित्र जलाभिषेक करने के लिए निकलते हैं। उन्होंने गौरी केदारनाथ से अपने कंधों पर पवित्र गंगाजल लाते यादव बंधुओं के मनोरम दृश्य का उल्लेख करते हुए इसे बेहद मनमोहक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि डमरू की ध्वनि के साथ गलियों में जीवंत ऊर्जा का वातावरण अलौकिक था। श्री मोदी ने सावन के पवित्र महीने में बाबा विश्वनाथ और मार्कंडेय महादेव के दर्शन करने की अपनी व्यक्तिगत इच्छा व्यक्त की। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी उपस्थिति महादेव के भक्तों को असुविधा का कारण बन सकती है या उनके दर्शन में बाधा बन सकती है, इसलिए वे यहीं से भगवान भोलेनाथ और मां गंगा को प्रणाम करते हैं।
भारत के तमिलनाडु में शैव परंपरा के एक प्राचीन ऐतिहासिक केंद्र गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर और एक हज़ार वर्ष प्राचीन स्मारक की कुछ दिन पहले की अपनी यात्रा का स्मरण करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध राजा राजेंद्र चोल ने करवाया था, जो उत्तर और दक्षिण को प्रतीकात्मक रूप से एक करने के लिए उत्तर भारत से गंगाजल लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि एक हज़ार वर्ष पहले, भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और शैव परंपरा के लिए प्रतिबद्धता के माध्यम से, राजेंद्र चोल ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के विजन का उद्घोष किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, काशी-तमिल संगमम जैसी पहलों के माध्यम से उस विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगईकोंडा चोलपुरम की अपनी हाल की यात्रा के दौरान, वे अपने साथ गंगाजल लेकर गए थे और मां गंगा के आशीर्वाद से, अत्यंत पवित्र वातावरण में पूजा संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण अवसर देश में एकता की भावना को जगाते हैं, जिससे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों को सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की एकता ऑपरेशन सिंदूर की ताकत बनी।
वाराणसी में आयोजित किसान महोत्सव के भव्य आयोजन का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत देश भर के 10 करोड़ किसान भाई-बहनों के बैंक खातों में 21,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के दौरान 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। श्री मोदी ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से वाराणसी में विकास की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों और देश के सभी किसानों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही वाराणसी में सांसद पर्यटक गाइड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। आने वाले दिनों में, काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद रोजगार मेला जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा। उन्होंने इन पहलों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ऐसी पहलों के लिए प्रशासन की भी सराहना की।
श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने पिछली सरकारों से इसकी तुलना करते हुए कहा कि उस समय किसानों के नाम पर की गई एक भी घोषणा शायद ही कभी पूरी हुई हो। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपने वादों को पूरा करती है, और पीएम-किसान सम्मान निधि को सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
वर्ष 2019 में पीएम-किसान सम्मान निधि के शुभारंभ के समय को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि कुछ प्रमुख विपक्षी दल तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे थे, जबकि कुछ ने दावा किया कि चुनाव के बाद भुगतान बंद हो जाएगा और कुछ ने सुझाव दिया कि हस्तांतरित धन वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष के असली चरित्र को दर्शाता है, जो केवल किसानों और देश के लोगों को गुमराह करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके शुभारंभ के बाद से पीएम-किसान सम्मान निधि बिना किसी रुकावट के जारी है। उन्होंने बताया कि अब तक 3.75 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित किए जा चुके हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में, लगभग 2.5 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं, जिन्हें इस योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए हैं। श्री मोदी ने कहा कि वाराणसी के किसानों को लगभग 900 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह बताया कि धनराशि बिना किसी कटौती या कमीशन के किसानों तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार द्वारा स्थापित एक स्थायी व्यवस्था है- इसमें कोई लीकेज नहीं होगी, तथा गरीबों के अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा।
“जो क्षेत्र जितना पिछड़ा होगा, उसे उतनी ही ज़्यादा प्राथमिकता मिलेगी” के विकास मंत्र को दोहराते हुए, श्री मोदी ने घोषणा की कि इस महीने की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने एक बड़ी नई पहल- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना- को स्वीकृति दी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 24,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि इस पहल का ध्यान उन ज़िलों पर होगा जो पिछली सरकारों की दोषपूर्ण नीतियों के कारण पिछड़ गए थे- कम कृषि उत्पादन वाले क्षेत्र और जहा किसानों की आय सीमित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से उत्तर प्रदेश के भी लाखों किसानों को सीधा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा कि हमारी सरकार किसानों के जीवन में बदलाव लाने, उनकी आय बढ़ाने और खेती की लागत कम करने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। हम बीज से लेकर बाजार तक किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए देश भर में लाखों करोड़ रुपये की सिंचाई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
श्री मोदी ने स्वीकार किया कि मौसम हमेशा से किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है—चाहे वह अतिवृष्टि हो, ओलावृष्टि हो या पाला। किसानों को ऐसी अनिश्चितताओं से बचाने के लिए, सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, किसानों को अब तक 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक के दावों का निपटान प्राप्त हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चावल और गेहूं जैसी प्रमुख खाद्यान्नों सहित अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में रिकॉर्ड वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए सरकार देश भर में हज़ारों नए गोदामों का निर्माण कर रही है।
कृषि अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर सरकार के ज़ोर पर चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने “लखपति दीदी” अभियान का उल्लेख किया, जिसका लक्ष्य पूरे भारत में तीन करोड़ लखपति दीदियां बनाना है। उन्होंने बताया कि डेढ़ करोड़ से ज़्यादा महिलाएं यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की “ड्रोन दीदी” पहल ने लाखों महिलाओं की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आधुनिक कृषि अनुसंधान को सीधे खेतों तक पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मई और जून 2025 के दौरान “लैब टू लैंड” के मार्गदर्शक सिद्धांत के तहत एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया विकसित कृषि संकल्प अभियान संचालित किया गया, जिसके माध्यम से 1.25 करोड़ से अधिक किसानों से सीधा जुड़ाव हुआ। उन्होंने उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों तक निर्बाध रूप से पहुंचते रहना चाहिए।
जनता के साथ एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि जन धन योजना के तहत, देश भर में गरीबों के लिए 55 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना को हाल ही में दस वर्ष पूरे हुए हैं और नियमों के अनुसार, बैंक खातों के लिए दस साल बाद नए सिरे से केवाईसी सत्यापन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, 1 जुलाई 2025 से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंक हर ग्राम पंचायत तक पहुंच रहे हैं और लगभग एक लाख ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए जा चुके हैं, जबकि लाखों लोगों ने सफलतापूर्वक अपना केवाईसी नवीनीकरण पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने जन-धन खाता रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह किया कि वे बिना किसी देरी के अपनी केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
ग्राम पंचायतों में आयोजित किए जा रहे विशेष बैंक शिविरों के एक अतिरिक्त लाभ को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि ये शिविर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना सहित कई प्रमुख योजनाओं के लिए पंजीकरण की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये योजनाएं नागरिकों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करती हैं और सभी से इन शिविरों में आने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने उन लोगों को प्रोत्साहित किया जिन्होंने अभी तक इन योजनाओं में नामांकन नहीं कराया है कि वे पंजीकरण कराएं और अपने जन धन खातों के लिए केवाईसी प्रक्रिया भी पूरी करें। प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के सभी जनप्रतिनिधियों से इस अभियान के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता फैलाने, बैंकों के प्रयासों में उनकी सहायता करने और जनता की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज महादेव की नगरी में विकास और जनकल्याण के लिए अनेक पहल की गई हैं। उन्होंने शिव के अर्थ पर विचार करते हुए कहा कि शिव “कल्याण” के प्रतीक हैं, लेकिन आतंक और अन्याय का सामना करने पर वे प्रचंड रुद्र रूप भी धारण करते हैं। श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने भारत के इस रुद्र रूप को देखा और घोषणा की, “जो कोई भी भारत पर हमला करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह पाताल लोक में ही क्यों न हो।” प्रधानमंत्री ने खेद व्यक्त किया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बावजूद, देश के भीतर कुछ लोग इससे परेशान हैं। उन्होंने विशेष रूप से विपक्ष और उसके सहयोगियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि वे इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। श्री मोदी ने उन दृश्यों का उल्लेख किया जिनमें दिखाया गया था कि कैसे भारतीय ड्रोनों ने सटीक निशाना साधते हुए आतंकवादी मुख्यालयों को खंडहर में बदल दिया। उन्होंने कहा कि कई पाकिस्तानी हवाई अड्डे अभी भी गंभीर स्थिति में हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों के नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि जहां एक ओर आतंक के आका विलाप कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ये दल आतंकवादियों की स्थिति पर भी शोक मना रहे हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य का बार-बार अपमान करने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को “तमाशा” बताया और सवाल किया कि क्या गरिमा और बलिदान के प्रतीक सिंदूर को कभी तमाशा माना जा सकता है। उन्होंने पूछा कि क्या सशस्त्र बलों की बहादुरी और बहनों के सिंदूर का बदला लेने की प्रतिज्ञा को इस तरह तुच्छ समझा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त होने के लिए विपक्ष की कड़ी निंदा की। उन्होंने संसद में विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए विरोधाभासी बयानों का हवाला देते हुए और उनकी आलोचना करते हुए पूछा कि क्या भारत को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले इंतजार करना चाहिए? उन्होंने जनता को याद दिलाया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकाल के दौरान आतंकवादियों को क्लीन चिट दी थी और बम विस्फोटों में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए थे। उन्होंने कहा कि अब ये दल आतंकवादियों के सफाए और ऑपरेशन सिंदूर के नाम से ही परेशान हैं। वाराणसी की पावन धरती से प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यह एक नया भारत है- एक ऐसा भारत जो भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है और देश के दुश्मनों के सामने काल भैरव बनना भी जानता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों की शक्ति और भारत की वायु रक्षा प्रणालियों, स्वदेशी मिसाइलों और ड्रोनों की प्रभावशीलता देखी, जिसने आत्मनिर्भर भारत की क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने विशेष रूप से भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति ने देश के हर दुश्मन में भय पैदा कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के सांसद के रूप में, श्री मोदी ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि ब्रह्मोस मिसाइलें जल्द ही राज्य में निर्मित होंगी। उन्होंने घोषणा की कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन शुरू हो रहा है और कई प्रमुख रक्षा कंपनियां उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे में संयंत्र स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में निर्मित हथियार भारत की सैन्य शक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री ने जनता से पूछा क्या उन्हें इस उपलब्धि पर गर्व है। उन्होंने घोषणा की कि अगर पाकिस्तान ने फिर से कोई और गलत कार्य किया, तो उत्तर प्रदेश में बनी मिसाइलें आतंकवादियों को धूल चटा देंगी।
उत्तर प्रदेश में तेज़ी से हो रहे औद्योगिक विकास और बड़ी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के राज्य में निवेश के आकर्षित होने पर श्री मोदी ने इस बदलाव का श्रेय अपनी सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों को दिया। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य की तुलना पिछली सरकारों से की, जहां अपराधी बेख़ौफ़ होकर काम करते थे और निवेशक राज्य में आने से हिचकिचाते थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब अपराधी भयभीत हैं और निवेशक उत्तर प्रदेश के भविष्य में विश्वास व्यक्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विकास की इस गति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को बधाई दी और इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वाराणसी में विकास का महाअभियान निरंतर जारी है।
एक नवीन रेल ओवरब्रिज, जल जीवन मिशन के अंतर्गत पहल, वाराणसी में स्कूलों का पुनर्निर्माण, एक होम्योपैथिक कॉलेज का निर्माण और मुंशी प्रेमचंद की विरासत को संरक्षित करने के प्रयास के रूप में आज शुभारंभ की गई कई परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं एक भव्य, दिव्य और समृद्ध वाराणसी के निर्माण में तेज़ी लाएंगी। उन्होंने सेवापुरी की यात्रा को सौभाग्य की बात बताया और इसे मां कालका देवी की चौखट बताया। उन्होंने मां कालका देवी के चरणों में नमन करते हुए इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सरकार ने मां कालका धाम का सौंदर्यीकरण किया है, इसे और अधिक भव्य बनाया है और मंदिर तक पहुंच को बेहतर बनाया है। प्रधानमंत्री ने सेवापुरी के क्रांतिकारी इतिहास को याद किया और स्वतंत्रता संग्राम में इसके महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यही वह सेवापुरी है जहां महात्मा गांधी का स्वप्न साकार हुआ था, जहां हर घर में पुरुषों और महिलाओं के हाथों में चरखा था। श्री मोदी ने एक सार्थक संयोग का भी उल्लेख किया जिसमें चांदपुर-भदोही रोड जैसी परियोजनाओं के माध्यम से, वाराणसी के बुनकर अब भदोही के बुनकरों से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे बनारसी रेशम के कारीगरों और भदोही के कारीगरों दोनों को लाभ होगा।
श्री मोदी ने आर्थिक प्रगति पर चर्चा करते हुए, वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वाराणसी बुद्धिजीवियों का शहर है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्तमान में अनेक अनिश्चितताओं और अस्थिरता के माहौल का सामना कर रही है। ऐसे में, दुनिया भर के देश अपने-अपने हितों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। इसलिए, उन्होंने कहा कि भारत को अपने आर्थिक हितों के प्रति सजग रहना होगा। उन्होंने बल देते हुए कहा कि किसानों और लघु उद्योगों का कल्याण सर्वोपरि है और सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों की भी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं, इसलिए उन्होंने सभी से स्वदेशी का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने स्वदेशी को किसी भी भारतीय के पसीने और मेहनत से बने उत्पाद के रूप में परिभाषित किया और देशवासियों से “वोकल फ़ॉर लोकल” के मंत्र को अपनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से “मेक इन इंडिया” उत्पादों को बढ़ावा देने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे घरों में आने वाली हर नई वस्तु स्वदेशी होनी चाहिए और यह ज़िम्मेदारी हर भारतीय को निभानी चाहिए। श्री मोदी ने प्रत्येक व्यापारी और दुकानदार से केवल स्वदेशी उत्पाद बेचने का संकल्प लेने की अपील करते हुए कहा कि यही राष्ट्र की सच्ची सेवा होगी। उन्होंने लोगों से आगामी त्यौहारों के मौसम में स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह किया और कहा कि यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के समापन में इस बात पर ज़ोर दिया कि विकसित भारत का सपना सामूहिक प्रयास से ही साकार होगा। उन्होंने आज उद्घाटन किए गए विकास कार्यों के लिए एक बार फिर बधाई दी।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।
पृष्ठभूमि
ये परियोजनाएं बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, शहरी विकास और सांस्कृतिक विरासत सहित कई क्षेत्रों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिनका उद्देश्य वाराणसी में समग्र शहरी परिवर्तन, सांस्कृतिक कायाकल्प, बेहतर संपर्क और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना है।
वाराणसी में सड़क संपर्क को बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वे वाराणसी-भदोही मार्ग और छितौनी-शूल टंकेश्वर मार्ग के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण परियोजना का उद्घाटन करेंगे और मोहन सराय-अदलपुरा मार्ग पर भीड़भाड़ कम करने के लिए हरदत्तपुर में रेलवे ओवरब्रिज का भी उद्घाटन करेंगे। उन्होंने दालमंडी, लहरतारा-कोटवा, गंगापुर, बाबतपुर सहित कई ग्रामीण और शहरी गलियारों में व्यापक सड़क चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण परियोजना और लेवल क्रॉसिंग 22सी और खालिसपुर यार्ड पर रेलवे ओवरब्रिज की आधारशिला रखी।
क्षेत्र में बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए, प्रधानमंत्री ने स्मार्ट वितरण परियोजना के तहत विभिन्न कार्यों और 880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बिजली के बुनियादी ढांचे को भूमिगत करने की आधारशिला रखी।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने नदी तट पर स्थित आठ कच्चे घाटों के पुनर्विकास, कालिका धाम में विकास कार्यों, शिवपुर स्थित रंगीलदास कुटिया में तालाब और घाट के सौंदर्यीकरण, तथा दुर्गाकुंड के जीर्णोद्धार एवं जल शोधन कार्यों का उद्घाटन किया। उन्होंने कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य; कई स्वतंत्रता सेनानियों की जन्मस्थली करखियांव के विकास; सारनाथ, ऋषि मांडवी और रामनगर अंचलों में नगर सुविधा केंद्रों; लमही में मुंशी प्रेमचंद के पैतृक घर के पुनर्विकास और संग्रहालय के उन्नयन आदि का शिलान्यास किया। उन्होंने कंचनपुर में शहरी मियावाकी वन के विकास और शहीद उद्यान तथा 21 अन्य पार्कों के पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण की भी आधारशिला रखी।
इसके अलावा, सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण जल निकायों के संरक्षण हेतु, प्रधानमंत्री ने रामकुंड, मंदाकिनी, शंकुलधारा आदि सहित विभिन्न कुंडों पर जल शोधन एवं रखरखाव कार्यों की आधारशिला रखी और चार तैरते पूजन मंचों की स्थापना भी की। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 47 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का भी उद्घाटन किया।
सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने नगर निगम सीमा के भीतर 53 स्कूल भवनों के उन्नयन का उद्घाटन किया। उन्होंने कई शैक्षिक परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जिनमें एक नए जिला पुस्तकालय का निर्माण और जखिनी, लालपुर स्थित सरकारी उच्च विद्यालयों का पुनरुद्धार शामिल है।
स्वास्थ्य अवसंरचना को व्यापक बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी और सीटी स्कैन सुविधाओं सहित उन्नत चिकित्सा उपकरणों का उद्घाटन किया। उन्होंने एक होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला भी रखी। इसके अलावा, उन्होंने एक पशु जन्म नियंत्रण केंद्र और उससे जुड़े श्वान देखभाल केंद्र का भी उद्घाटन किया।
वाराणसी में विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना के अपने विज़न को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर खेल स्टेडियम में सिंथेटिक हॉकी टर्फ का उद्घाटन किया। कानून प्रवर्तन कर्मियों के लिए सुविधाओं में वृद्धि करते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) रामनगर में 300 लोगों की क्षमता वाले बहुउद्देशीय हॉल का उद्घाटन किया और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) बैरक की आधारशिला रखी।
किसान कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना की 20वीं किस्त जारी की। देश भर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 20,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे हस्तांतरित की जाएगी। इस राशि के जारी होने के साथ, इस योजना के तहत अब तक कुल 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि वितरित की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने काशी संसद प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न आयोजनों और प्रतियोगिताओं के लिए पंजीकरण पोर्टल का भी उद्घाटन किया, जिनमें स्केचिंग प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता, फोटोग्राफी प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता, ज्ञान प्रतियोगिता और रोज़गार मेला शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने विभिन्न दिव्यांगजनों और वृद्धजनों को 7,400 से अधिक सहायक उपकरण भी वितरित किए।