रोहतक, 6 जून। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक के लाइफ साइंस विभाग द्वारा विज्ञान: समाज के लिए वरदान या अभिशाप? विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विषय पर विचार-विमर्श करते हुए यह जानने का प्रयास किया गया कि आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कार समाज के लिए वरदान सिद्ध हो रहे हैं या अभिशाप बनते जा रहे हैं।
कार्यक्रम का नेतृत्व जूलॉजी विभाग अध्यक्ष एवं लाइफ साइंस क्लब प्रभारी डॉ. विकास भारद्वाज द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज विज्ञान ने जहाँ मानव जीवन को सुविधाजनक बनाया है, वहीं इसके दुरुपयोग ने अनेक सामाजिक और मानसिक समस्याओं को भी जन्म दिया है। विशेषकर डिजिटल तकनीक के अत्यधिक प्रयोग ने युवाओं को एक “निष्क्रिय मानसिकता” की ओर अग्रसर कर दिया है, जिसके दुष्परिणाम के रूप में अपराधों में भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के साइंस संकायों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्रों ने अपने विचार वाद-विवाद, पोस्टर प्रदर्शन एवं रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से प्रस्तुत किए। प्रस्तुतियों में यह उभरकर सामने आया कि विज्ञान अपने आप में न तो अच्छा है न बुरा, यह इसका प्रयोग पर निर्भर करता है कि वह समाज के लिए वरदान बनेगा या अभिशाप।
कार्यक्रम में डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. रवि कुमार राणा एवं डॉ. प्रवीण कुमार भट्ट बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने विज्ञान के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों को विचारशील नागरिक बनने हेतु प्रेरित किया।
समापन पर डॉ. विकास भारद्वाज ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगी शिक्षकों का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों को समसामयिक मुद्दों पर सोचने की दिशा देते हैं और उन्हें एक जिम्मेदार समाज निर्माण की ओर प्रेरित करते हैं।
