भिवानी, 25 फरवरी।बॉलीवुड के स्टार फिल्मी कलाकारों से कम नजर नहीं आ रहा था हरियाणा के विभिन्न जिलों से आए अनमोल पशुओं का जलवा। आज भिवानी आए इन शानदार सितारों को देखने के लिए लोगों का हुजूम प्रदर्शनी में उमड़ पड़ा। भारी तादाद में लोग मोबाइल फोन से उनकी फोटो और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए बेताब दिखाई दिए।
हुडा सैक्टर के सामने मैदान में आज शुरू हुई तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी का भव्य और शानदार आगाज ऐसा था, जैसे छोटी काशी बरसों से इन बेहतरीन पशुओं को देखने के लिए तरस रही थी। कैप्टन हरिओम गतौली का रूस्तम झोटा मस्तक पर लाल पटा बांधे लोगों के बीच आकर भले ही थोड़ा शरमा रहा हो, लेकिन क्या महिला और क्या बच्चे हर कोई उसकी एक झलक पाने के लिए नजरें गड़ाए हुए था। रूस्तम 26 बार का राष्ट्रीय चैंपियन और 6 बार अंतर्राष्ट्रीय चैंपियन रह चुका है। पीएम मोदी अवार्ड, एशियन सम्मिट का बेस्ट बुल, सर्वोत्तम पशुधन अवार्ड और हिंदुस्तान का वह पहला पशु है, जिसे कृषक रत्न अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इसी प्रकार पशु गैलरी में फौगाट फार्म हाऊस लोहरवाड़ा का झोटा ताज भी विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। गांव डोभ भाली से आया ध्रुव झोटा ने भी अपने देखने वालों को निराश नहीं किया।
ताऊ कै देख सै यो ऐ रंग सै इसका, तेल ना लीप राख्या… भिंडावास से आए सूरज को जब लोग हाथ लगा-लगाकर देख रहे थे तो उसके मालिक के मुख से यही शब्द निकले। मुर्राह नस्ल का प्योर ब्लैक जेड सूरज एक अच्छी मिल्क लाईन व ब्यूटी लाईन का झोटा है, जिसका उत्तम श्रेणी का डीएनए है। सूरज की मां का दूध 28 किलो 112 ग्राम था। सूरज की पूर्व नस्ल की एक भैंस की कीमत 25 लाख आंकी गई थी, जब वह बेची गई थी। सूरज चार बार चैंपियन रह चुका है।
सीबीजे फार्म गांव तालु का झोटा सूर्या भी तीन बार चैंपियन रह चुका है। बाहुबली नाम का सांड अपनी भारी भरकम व लहरेदार देह से बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रहा है। गांव कारी मेला से आया बाबा राकेश गिरी का मंगल घोड़ा दूर से ही लोगों को बरबस अपनी ओर खींच रहा था। प्रदर्शनी में आया पशुपालक विजयपाल का गौ शिवपरिवार ऐसा है, जो कि बहुत ही प्रेम से रहता है। इसमें भोला आकल, लक्ष्मी गाय, गौरा नाम का बछड़ा है।
गुरूग्राम पुलिस के अरबी नस्ल के तीन घोड़े व एक घोड़ी भी मैदान के बीचों-बीच अपने रखवालों के साथ कदम ताल कर रहे थे। गोल्ड मैडल जीत चुके इन घोड़ों के नाम कैलिबर, डेंजर ड्रमर, उत्तम व कैटरीना है। इसी प्रकार गांव ढाणी माहू के प्रेमबीर का पांच लाख का बकरा भी अपनी कद-काठी से दर्शकों को लुभा रहा है। गुजरी नस्ल का यह बकरा 44 इंच ऊंचा है और तगड़ी खुराक खाता है। भिवानी में 27 फरवरी तक इन्हीं पशुओं का जलवा और चर्चा रहेगी, ऐसा लगता है।