बहल, 31 मई। बीआरसीएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बहल में शुक्रवार को “नई शिक्षा नीति 2020 – कार्यान्वयन एवं चुनौतियाँ” विषय पर एक दिवसीय प्रिंसिपल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना व दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. पवन कुमार शर्मा, चेयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति केवल एक नीति नहीं, बल्कि भविष्य के भारत का विजन है। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रमुखों को नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हुए शिक्षक प्रशिक्षण, अभिभावकों से संवाद और नवाचार को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने विषयों की सीमाएं समाप्त कर छात्रों को बहुविषयक शिक्षा की ओर प्रेरित करने की बात कही।
विशिष्ट अतिथि उपमंडल अधिकारी लोहारू मनोज दलाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में समाज की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने विद्यालय प्रमुखों को परिवर्तन का प्रमुख वाहक बताया और शिक्षा को छात्र-केंद्रित बनाने पर बल दिया।
मुख्य वक्ता डॉ. राजेश पुनिया, अध्यक्ष, भौतिकी विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने कहा कि नई नीति लचीलापन, अंतर्विषयकता और आजीवन सीखने की अवधारणाओं पर आधारित है। उन्होंने कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों जैसे शिक्षक प्रशिक्षण, संसाधनों की उपलब्धता व मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव की ओर भी ध्यान दिलाया।
अन्य वक्ताओं में प्राचार्य अनिल श्योराण (राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रोढा) ने इसे ग्रामीण और सरकारी स्कूलों के लिए सुनहरा अवसर बताया।
कार्यक्रम में क्षेत्र के 80 से अधिक स्कूलों से 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कॉलेज प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत और आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जीतेन्द्र गौड़ ने किया।
इस अवसर पर डॉ. सुनील शुक्ला, राजेश झाझड़िया, संदीप टंडन, सरस्वती दीक्षित, पवन पंघाल, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. दिनेश कुमार, अमित कुमार, सुरेश कुमार, अभय यादव, एम.एस. भालोठिया, रूपेंद्र क्रिझां, मदन कुमार, राम अवतार, दर्शना देवी, सरोज शर्मा, योगेश कुमार, राधेश्याम सैनी, सुरेंद्र पूनिया, नरसिंह, संदीप श्योराण, ज्योति, नेहा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।