रोहतक, 31 मई। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा गांव खरावर में कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) एच.एल. वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में एक सराहनीय पहल के तहत गांव खरावर में साइबर सुरक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदाय को इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ उससे जुड़े खतरों और साइबर धोखाधड़ी के प्रति सजग करना था, ताकि वे डिजिटल युग में आत्मरक्षा की तकनीकों को अपनाकर खुद को सुरक्षित रख सकें। इस विशेष अवसर पर विधि संकाय के विधिक सहायता क्लब की सक्रिय भूमिका रही। क्लब के संयोजक डॉ. प्रमिला और सह-संयोजक डॉ. हरविंदर, सहायक प्रोफेसर, ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने और उसे सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्यार्थियों ने भी पूरे जोश और समर्पण के साथ इस आयोजन में भाग लिया।
नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति में शुभम, हर्ष, सरवन, आदित्य, चेष्टा, पायल, कशिश और तन्नु ने शानदार अभिनय किया और ग्रामीणों को सरल व सशक्त भाषा में यह संदेश दिया कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि एक आवश्यक जीवन कौशल है। नाटक के माध्यम से यह समझाया गया कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा कैसे की जाए, फर्जी कॉल्स, ईमेल और मैसेज से कैसे बचा जाए, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट कैसे की जाए। डीन, विधि संकाय, डॉ. मनीष दलाल ने कार्यक्रम की सफलता पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होते हैं।
कार्यक्रम के अंत में माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) एच.एल. वर्मा एवं रजिस्ट्रार प्रोफेसर (डॉ.) विनोद कुमार ने विद्यार्थियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की जानकारी हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है, और विश्वविद्यालय को इस बात पर गर्व है कि उसके विद्यार्थी इस जागरूकता अभियान में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कुलपति महोदय ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आपके प्रयास न केवल आपकी शिक्षा को व्यवहारिक स्वरूप दे रहे हैं, बल्कि समाज के लिए एक नई दिशा भी तय कर रहे हैं। विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इस अवसर पर डॉ. सीमा देवी, डॉ. राजरानी, डॉ. नेहा, डॉ. राहुल, डॉ. सोनिया, डॉ. विनती और आकाशदीप उपस्थित थे।
नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति में शुभम, हर्ष, सरवन, आदित्य, चेष्टा, पायल, कशिश और तन्नु ने शानदार अभिनय किया और ग्रामीणों को सरल व सशक्त भाषा में यह संदेश दिया कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि एक आवश्यक जीवन कौशल है। नाटक के माध्यम से यह समझाया गया कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा कैसे की जाए, फर्जी कॉल्स, ईमेल और मैसेज से कैसे बचा जाए, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट कैसे की जाए। डीन, विधि संकाय, डॉ. मनीष दलाल ने कार्यक्रम की सफलता पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होते हैं।
कार्यक्रम के अंत में माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) एच.एल. वर्मा एवं रजिस्ट्रार प्रोफेसर (डॉ.) विनोद कुमार ने विद्यार्थियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की जानकारी हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है, और विश्वविद्यालय को इस बात पर गर्व है कि उसके विद्यार्थी इस जागरूकता अभियान में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कुलपति महोदय ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आपके प्रयास न केवल आपकी शिक्षा को व्यवहारिक स्वरूप दे रहे हैं, बल्कि समाज के लिए एक नई दिशा भी तय कर रहे हैं। विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इस अवसर पर डॉ. सीमा देवी, डॉ. राजरानी, डॉ. नेहा, डॉ. राहुल, डॉ. सोनिया, डॉ. विनती और आकाशदीप उपस्थित थे।