बीकेई पदाधिकारियों ने दूसरे दिन भी रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया। निजीकरण के विरोध में चल रही हड़ताल में रोडवेज कर्मचारियों ने सिरसा से हरियाणा की पहले रूट की हरियाणा रोडवेज की बस को रोककर हरियाणा सरकार के प्रति रोष प्रदर्शन किया। भारतीय किसान एकता के मीडिया ने गुरलाल भंगू ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आदेशानुसार दूसरे दिन भी प्रधान लखविंदर सिंह औलख व उनकी टीम ने कर्मचारियों का सहयोग किया। कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार सिरसा से चण्डीगढ़ की ओर 2 बजकर 20 मिनट पर रवाना होने वाली हरियाणा रोड़वेज की बस हरियाणा की पहले रूट की बस है। इससे पहले हरियाणा में कोई बस नहीं चलती है। बीते मंगलवार की तरह बुधवार को प्रशासन ने बस में ड्राइवर को बैठाकर जब बस को अड्डे से बस को निकलने की कोशिश की तो कर्मचारी व किसान गेट के आगे खड़े होकर हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिसके चलते बस से ड्राइवर को बस बंद करके उतरना पड़ा, जब निकास द्वार से बस को गेट से बाहर नहीं जाने दिया तो कुछ समय बाद जीएम ने इंट्री गेट से दूसरी बस को पुलिस बल के सहारे निकलवाने की कोशिश की, लेकिन जीएम का दूसरा प्रयास भी असफल रहा और कर्मचारियों के विरोध का सामना करते हुए बेरंग अपने दफ्तर की ओर लौटना पड़ा। इतने में कर्मचारियों को भनक लगी की सिरसा बस अड्डे से कुछ दूरी पर हरियाणा रोडवेज की एक बस रुकी हुई है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बस को अड्डे पर लगाकर बस चालक और कंडक्टर के गले में जूतों की माला डालकर चेतावनी जारी की कि हड़ताल के चलते उन्हें हरियाणा रोडवेज की कोई भी बस रोड़ पर चलती मिली तो उनका भी वही हश्र होगा, जो अपमान इन दोनों चालक और कंडक्टर का हुआ है। इस मौके पर रोडवेज से मदनलाल, भीम सिंह, रामकुमार, चमनलाल, सीता सिंह, रिशपाल सिंह, सलेंदर कुमार और किसान यूनियन से काका कंवर, दीपू गिल, निहाल सिंह बाजेकां, तिलकराज, रणधीर जोधकां, तेजू पंजुआना, बलराज बाजवा, गुरूदित्ता बाजेकां, गुरबख्श रंधावा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
