भिवानी के चौधरी बंसीलाल विश्वविधालय में छात्र एवं छात्राओं ने खून से लिखकर सीबीएलयू प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन।

भिवानी के चौधरी बंसीलाल विश्वविधालय में छात्र एवं छात्राओं ने खून से लिखकर सीबीएलयू प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन।

तेरे शहर का सलिका मेरे शहर से बिल्कुल अलग है…… इसीलिए तो तेरी नियत और कार गुजारी में कॉफी फर्क है….

भिवानी। साल भर की मेहनत के बाद जब छात्र एवं छात्राओं को रिजल्ट में जीरो नंबर दिए जाने पर एनएसयूआई द्वारा भिवानी के चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया गया।
आरोप हैं कि सीबीएलयू प्रशासन छात्र एवं छात्राओं की आवाज को दबाने का काम कर रहा। इतना ही नही
छात्र एवं छात्राओं के प्रदर्शन करने पर के विश्वविधालय प्रशासन ने  पुलिस की डायल 112 को बुलाया लिया।

छात्र एवं छात्राओं ने कहा हर सेमेस्टर में बच्चों को रिजल्ट में दीए जाते हैं जीरो नंबर।

एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों पर लगाए काम ना करने के आरोप , दफ्तर के बाहर लगाए पोस्टर।

छात्रों को बार-बार दिए जा रहे हैं जीरो मार्क्स, छात्रों ने सीबीएलयू में कि नारेबाजी

यूनिवर्सिटी में ना ही समय पर एग्जाम करवाए जा रहे हैं ना ही सही समय पर बच्चों के रिजल्ट दिए जा रहे, सिर्फ चक्कर कटवाए जा रहे।
चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय की रिजल्ट संबंधित समस्याओं और एग्जाम से संबंधित समस्याओं को लेकर एनएसयूआई के बैनर तले  विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ छात्रों ने नारेबाजी कर रोष जताया।

छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया कि विद्यार्थियों की परीक्षा व परिणाम संबंधी समस्याओं का शीघ्रा अति शीघ्र समाधान किया जाए। वही छात्र एवं छात्राओं ने खून से लिखकर विश्वविधिलय प्रशासन के खिलाफ काम ना करने का आरोप लगाया और बच्चों के भविष्य खराब करने को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए।
वहीं एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष मनजीत लांग्यान ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा बच्चों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं। ना ही तो सही समय पर एग्जाम करवाए जा रहे हैं ना ही सही समय पर बच्चों के रिजल्ट दिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से छात्रों की समस्याओं में रिजल्ट में गड़बड़ी,रिजल्ट में देरी और एग्जाम करवाने में देरी आदि समस्याएं बंसीलाल यूनिवर्सिटी के छात्रों में देखने को मिल रही है।
किसी एग्जाम में तो 30 में से 52 नंबर दिए गए हैं तो किसी बच्चे के बार-बार एग्जाम देने के बाद भी हर बार 0 मार्क्स दिए जा रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है और यूनिवर्सिटी प्रशासन का कॉलेज के प्रशासन से कोई तालमेल नहीं बैठ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों की समस्याओं को जल्दी ठीक नहीं करवाया गया तो वह मई महीने में एक बड़ा प्रदर्शन कर भूख हड़ताल शुरू करने को मजबूर होंगे। वही कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा उनके रिजल्ट में गड़बड़ी कर दी है। 2021 से अब तक उनके प्रैक्टिकल मार्क्स अपड़ेट नहीं  किए गए हैं और रिजल्ट में हर बार 00 मार्क्स दे देते हैं तो किसी छात्र का रिजल्ट प्रशासन की गलती से रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के साथ सही से कॉर्पोरेट नहीं करते हैं जिससे बच्चों को महीने महीने सालों भर धक्के खाने पड़ रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की आवाज को दबाने के अनेक प्रयास किए गए। दीक्षांत समारोह से कुछ दिन पहले अनेक छात्र नेताओं को नजर बंद करवा दिया गया। इतना ही नहीं
राज्यपाल के आने से पहले पुलिस भेज कई छात्र नेताओं को पुलिस के माध्यम से उठा दिया गया।