भिवानी, 7 मार्च। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु सिंह ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन रमेश चंद्र डिमरी के निर्देशानुसार पॅनल अधिवक्ताओं व पीएलवी द्वारा जिला में महिलाओं को प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जा रही कानूनी सहायता के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पैरा लीगल वालंटियर विरेंद्र सिंह, जोली, यशवीर सिंह, भतेरी ने जागरूकता अभियान चलाया।
उन्होंने कहा कि आज नारी काफी हद तक आत्मनिर्भर हो गई है। समाज में हर क्षेत्र में चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो, राजनीति हो, नौकरियों हो, हर क्षेत्र में अपने आप को काबिल साबित किया है। इन सब के बावजूद स्त्री को अनेक प्रकार की प्रताडऩा व शोषण का शिकार होना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी होना जरूरी है। हमारे संविधान में महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा देने, आत्मनिर्भर से जीने शोषण से बचाने के लिए, उन्हें पुनर्वास के लिए कुछ अधिकार व कानून बनाए गए हैं।
पीएलवी ने महिलाओं को दहेज विरोधी कानून, घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून, गुजारा भत्ता देने का अधिकार, कार्य क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के अधिकार, पति व पिता की संपत्ति में अधिकार, बाल विवाह, एसिड एटैक, छेड़छाड़, बलात्कार, पोक्सो एक्ट और साइबर अपराध के लिए बनाए गए कानूनी प्रावधानों को विस्तार से जानकारी दी।
