कुरुक्षेत्र 26 मई। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी सशक्त और मजबूत हो, इसके लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा। किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल मिट्टी की उर्वरा बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु हरियाणा सरकार किसानों को एक देसी गाय की खरीद पर 30 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे वे गो-आधारित जैविक विधियों को अपनाकर टिकाऊ कृषि की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। मुख्यमंत्री सोमवार को जिला कुरुक्षेत्र के गांव बिहोली में राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के उद्घाटन करने उपरांत उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गांव के विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 4 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से बना यह पॉलीक्लिनिक आसपास के क्षेत्र के पशुओं को विशेष पशुचिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। इस पॉलीक्लिनिक में पैथोलॉजी, पैरासिटोलॉजी, गायनोकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सर्जरी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जैसी सेवाओं के साथ-साथ इनडोर एवं आउटडोर इकाइयाँ भी उपलब्ध रहेगी। साथ ही, यह संस्थान विशेषज्ञ पशु चिकित्सा अधिकारियों, तकनीशियनों और सहायक स्टाफ से सुसज्जित होगा, जिससे यह एक आदर्श पशु चिकित्सा केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। वर्तमान समय में पशुपालन क्षेत्र में आ रही चुनौतियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुधारू पशुओं की कीमत हजारों में नहीं, लाखों में है। भूमिहीन और छोटे किसानों के लिए इतना महंगा पशु खरीदना मुश्किल होता है। यदि वह खरीद भी लेता है तो उसे पशु के स्वास्थ्य की चिंता रहती है। इन हालातों में पशु चिकित्सा संस्थानों का महत्व बहुत बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरे राज्य में 6 राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक चल रहे हैं। ये सिरसा, जींद, रोहतक, भिवानी, सोनीपत और रेवाड़ी में स्थित हैं। अब कुरुक्षेत्र का यह पॉलीक्लिनिक 7वां केन्द्र बन गया है। उन्होंने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में इस समय 49 राजकीय पशु चिकित्सालय एवं 72 राजकीय पशु औषधालय चल रहे हैं। इनमें पशु चिकित्सकों के 51 पदों में से 47 पद तथा वी.एल.डी.ए के 130 में से 119 पद भरे हुए हैं।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। पिछले 10 वर्षों में राज्य में लगभग 650 गौशालाएं खोली गई हैं। वर्ष 2014 से पहले गौशालाओं के लिए सरकार का बजट मात्र 2 करोड़ रुपये था, जबकि आज वर्तमान सरकार ने इस बजट को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये से अधिक किया है ताकि कोई भी गौवंश बेसहारा न रहे।
दुग्ध उत्पादन में हरियाणा अग्रणी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रदेश के किसानों और पशुपालकों पर गर्व है, जिनकी कड़ी मेहनत से हरियाणा को पशुपालन में विशेष पहचान मिली है। हालांकि, राज्य में देश के दुधारू पशुओं का मात्र 2.1 प्रतिशत हिस्सा है, फिर भी हम देश के कुल दूध उत्पादन का 5.11 प्रतिशत योगदान करते हैं। वर्ष 2023-24 में हरियाणा ने 1 करोड़ 22 लाख 20 हजार टन दूध का उत्पादन किया था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे प्रगतिशील पशुपालक इसमें लगातार बढोतरी करते जाएंगे। हमारी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता भी राष्ट्रीय औसत से 2.34 गुणा है। राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम है, जबकि हरियाणा की 1105 ग्राम है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य नस्ल सुधार करके और अधिक दूध का उत्पादन करना है।