झज्जर, 2 जून।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के दिशा-निर्देशन में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित हो रहे समाधान शिविर न सिर्फ जन समस्याओं के निवारण का मंच बन रहे हैं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता और जवाबदेही की मिसाल भी पेश कर रहे हैं। सोमवार को आयोजित शिविर में उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने स्वयं शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुनी और विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
समाधान शिविर में पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, ग्रामीण विकास, नगर परिषद, समाज कल्याण, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कल्याण विभाग सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याएं नागरिकों ने रखीं। डीसी ने एक-एक शिकायतकर्ता से सीधा संवाद करते हुए समस्या की गंभीरता को समझा और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि समाधान ऐसा हो जो स्थायी राहत दे। डीसी ने कहा कि समाधान शिविरों का उद्देश्य सिर्फ शिकायतें सुनना नहीं, बल्कि समस्याओं की जड़ों तक जाकर उन्हें समाप्त करना है, ताकि भविष्य में वही शिकायत दोबारा सामने न आए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर शिकायत को गंभीरता से लें और प्राथमिकता के आधार पर उसका समाधान सुनिश्चित करें। समाधान शिविर में 18 शिकायतें प्राप्त हुई। शिविर में एडीसी जगनिवास, सीटीएम रविंद्र मलिक, डीआरओ प्रमोद चहल, डीडीपीओ निशा तंवर, एसीपी अनिल कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
जनता से जुड़ाव की नई पहल
डीसी ने कहा कि समाधान शिविरों के माध्यम से जिला प्रशासन जनत आ रहा है। अब लोगों को अपनी बात कहने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे, बल्कि प्रशासन खुद उनके पास आकर उन्हें सुना और समझा रहा है। यह पहल शासन की जमीनी पहुंच और कार्य संस्कृति में बदलाव का प्रतीक बन चुकी है।