दिल्ली: DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “आप सभी अब तक उस क्रूरता और नृशंस तरीके से परिचित हो चुके हैं, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। जब आप उन भयावह दृश्यों और राष्ट्र द्वारा देखे गए परिवारों के दर्द को हमारे सशस्त्र बलों और निहत्थे नागरिकों पर हाल ही में हुए अनेक आतंकवादी हमलों के साथ जोड़ते हैं, तो हम जानते हैं कि एक राष्ट्र के रूप में अपने संकल्प को एक और सशक्त ढंग से व्यक्त करने का समय आ गया है। ऑपरेशन सिंदूर की अवधारणा आतंक के अपराधियों और योजनाकारों को दंडित करने और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ की गई थी। मैं यहां जो नहीं कह रहा हूं, वह भारत का अक्सर कहा जाने वाला दृढ़ संकल्प और आतंक के प्रति उसकी असहिष्णुता है।”
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया, सीमा पार 9 ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मारे
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, ‘हमने इन ठिकानों की सटीक पहचान की और इनके सबूत वापस लाने की प्रॉसेस भी सुनिश्चित की। सीमा पार 9 ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मारे। हमने कंधार हाईजैक और पुलवामा अठैक में शामिल तीन बड़े आतंकी चेहरे मार गिराए।’
एयरमार्शल भारती बोले- हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था
डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑफरेशन एयरमार्शल भारती ने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था। हमने ध्यान से टारगेट का चयन किया। 9 में से 6 टारगेट एयरकैंप को दिए गए। इनमें बहावलपुर और मुरीदके के टेररिस्ट कैंप भी शामिल थे।’
मुरीदके के टेररिस्ट कैंप पर मिसाइल से हमला किया
डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑफरेशन एयरमार्शल भारती ने बताया, हमने एयर टू सरफेस तरीके से इन्हें टारगेट किया ताकि कोलैटरल डैमेज को कम किया जा सके। मुरीदके के टेररिस्ट कैंप में हवा से सतह पर मार करने वाली 4 टारगेटेड मिसाइल से हमला किया और उसे न्यूट्रलाइज्ड किया।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ था
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, ऑपरेशन सिंदूर साफ तौर पर आतंकवाद के साजिशककर्ताओं और उनके ठिकानों को तबाह करने के लिए किया गया था।
हमने सीमा पार टेरर कैंप और इमारतों को पहचाना। यह बहुत बड़ी समस्या में थे। इनमें से कई को पहले ही खाली कर दिया था, क्योंकि उन्हें हमारे एक्शन का डर था।
हमने इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकवादियों को टारगेट किया। हमने 9 ठिकानों को एजेंसियों के जरिए पहचाना। कुछ पीओके में थे और कुछ पाकिस्तान में थे। मुरीदके लश्कर का हेडक्वार्टर था। अजमल कसाब, डेविड हेडली ने यहीं ट्रेनिंग ली थी।
एयरमार्शल भारती ने कहा, पाकिस्तानी मिलिट्री या किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना नहीं बनाया
एयरमार्शल भारती ने बताया, मुरीदके के टेररिस्ट कैंप के बाद बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन 2 टेररिस्ट कैंप को हमने टारगेट बनाया और इन्हें तबाह किया। हमने टेररिस्ट और टेररिस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया। पाकिस्तानी मिलिट्री और किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट नहीं किया।