चण्डीगढ़। गृह मंत्रालय के निर्देश पर शनिवार की शाम हरियाणा के सभी जिलों में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पंचकूला स्थित राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (एसईआरसी) डायल 112 हरियाणा से ‘ऑपरेशन शील्ड’ की निगरानी की।
इस अभ्यास में हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और युद्धकालीन परिदृश्यों जैसे सुरक्षा खतरों के उच्च-तीव्रता वाले सिमुलेशन शामिल थे। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार जिलों में रात 8 बजे सांकेतिक ब्लैक आउट भी किया गया।
डॉ. मिश्रा ने हरियाणा के सभी 22 जिलों के लाइव अपडेट की निगरानी की और वास्तविक समय में एसओपी जारी की।
ऑपरेशन शील्ड में प्रदेश भर में लगभग 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की व्यापक भागीदारी थी, जिन्होंने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), होम गार्ड और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के साथ मिलकर कार्य किया।
नागरिक सुरक्षा मास्टर प्रशिक्षकों को एनडीआरएफ और गृह मंत्रालय के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि ये मास्टर प्रशिक्षक हर जिले में और अधिक प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण देंगे।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि उपायुक्तों के नेतृत्व में जिला स्तरीय वॉर रूम ने टेक्टिकल (सामरिक) ब्रीफिंग की और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वयंसेवकों को तैनात किया गया। अभ्यास में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मॉक इवैक्यूएशन, प्रथम-प्रतिक्रिया ट्राइएजिंग और साइबर-घटना प्रोटोकॉल का परीक्षण शामिल था। वास्तविक दुनिया के आपातकालीन परिदृश्यों को दोहराने के लिए ड्रोन, आपातकालीन चेतावनी प्रणाली और जीआईएस-आधारित संसाधन ट्रैकिंग जैसी उन्नत तकनीकों को तैनात किया गया था।