15 को हाईकोर्ट में नया हलफानामा दायर करेगी प्रदेश सरकार । अब केवल 6 स्कूलों में बिजली और चार में पानी की समस्या
शौचालयों के लिए जारी किया बजट, काम हो चुका शुरू
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार को स्कूलों के मामले में फटकार लगाए जाने के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने स्कूलों में लगाई गई फटकार के बाद स्कूल शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। स्कूलों में शौचालयों का निर्माण शुरू हो गया है। साथ ही, बिजली और पानी सुविधा भी मुहैया करवाई जा रही हैं। फिलहाल छह ऐसे स्कूल हैं, जिनमें बिजली कनेक्शन नहीं हैं और चार स्कूलों में पानी की सुविधा नहीं है। इनमें से कुछ में तकनीकी पेच है तो कुछ में कानूनी विवाद।
दरअसल, कैथल के बालू स्कूल के छात्रों ने स्कूलों में सुविधाओं को अपने वकली प्रदीप कुमार रापडिय़ा के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने हालही में स्कूल शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्मान भी किया था। विभाग की ओर से मई में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में शपथ-पत्र दाखिल किया था।
इसमें माना गया था कि कई स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पांच लाख की बजाय बालकुंज के खाते में 50 लाख रुपये की राशि जमा करवा दी है ताकि बच्चों के विकास पर इसे इस्तेमाल किया जा सके। मई में दिए हलफनामे में सरकार ने माना कि राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है।
236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लडक़ों के शौचालय नहीं है। कोर्ट को बताया गया कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है। हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी और विभाग पर लगाए जुर्माने के बाद सरकार हरकत में आई। स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने इस मुद्दे को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में अधिकारियों ने उन्हें बताया कि स्कूलों में यह कमियां मई में दिए हलफनामे में बताई थी। इसके बाद अभी तक की अवधि में विभाग द्वारा अधिकांश कमियों को दूर किया जा चुका है। बजट जारी करके शौचालयों का निर्माण करवाया चुका है। बिजली और पानी का भी प्रबंध कर लिया है। छह स्कूलों में बिजली और चार में पानी का मामला लटका हुआ है। इस पर काम चल रहा है। वहीं कमरों के निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू की है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने मंगलवार को बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मई में शपथ-पत्र दिया था। अभी तक अधिकांश कमियों को दूर किया जा चुका है। कमरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसमें थोड़ा समय भी लग सकता है। 15 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से पूरी जानकारी अपडेट करके नये सिरे से शपथ-पत्र दिया जाएगा।
दरअसल, कैथल के बालू स्कूल के छात्रों ने स्कूलों में सुविधाओं को अपने वकली प्रदीप कुमार रापडिय़ा के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने हालही में स्कूल शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्मान भी किया था। विभाग की ओर से मई में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में शपथ-पत्र दाखिल किया था।
इसमें माना गया था कि कई स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पांच लाख की बजाय बालकुंज के खाते में 50 लाख रुपये की राशि जमा करवा दी है ताकि बच्चों के विकास पर इसे इस्तेमाल किया जा सके। मई में दिए हलफनामे में सरकार ने माना कि राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है।
236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लडक़ों के शौचालय नहीं है। कोर्ट को बताया गया कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है। हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी और विभाग पर लगाए जुर्माने के बाद सरकार हरकत में आई। स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने इस मुद्दे को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में अधिकारियों ने उन्हें बताया कि स्कूलों में यह कमियां मई में दिए हलफनामे में बताई थी। इसके बाद अभी तक की अवधि में विभाग द्वारा अधिकांश कमियों को दूर किया जा चुका है। बजट जारी करके शौचालयों का निर्माण करवाया चुका है। बिजली और पानी का भी प्रबंध कर लिया है। छह स्कूलों में बिजली और चार में पानी का मामला लटका हुआ है। इस पर काम चल रहा है। वहीं कमरों के निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू की है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने मंगलवार को बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मई में शपथ-पत्र दिया था। अभी तक अधिकांश कमियों को दूर किया जा चुका है। कमरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसमें थोड़ा समय भी लग सकता है। 15 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से पूरी जानकारी अपडेट करके नये सिरे से शपथ-पत्र दिया जाएगा।