हिंदी पत्रकारिता दिवस पर बीएमयू में प्रसार व्याख्यान आयोजित

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर बीएमयू में प्रसार व्याख्यान आयोजित

रोहतक, 30 मई। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक के फैकल्टी ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड लिबरल एजुकेशन द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में सत्य, सरोकार और संवेदना में हिंदी पत्रकारिता: एक विमर्श विषय पर एक विशेष प्रसार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र, शोधार्थी और अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिससे यह कार्यक्रम एक प्रभावशाली संवाद मंच में परिवर्तित हो गया। मुख्य वक्ता डॉ. सुशील कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर, जनसंचार विभाग ने पत्रकारिता के मूल तत्वों सत्य, सरोकार और संवेदना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह सामाजिक उत्तरदायित्व का एक जीवंत मिशन है, जो समाज की सच्ची तस्वीर सामने लाने और जनसरोकारों को स्वर देने का काम करता है। डॉ. कुमार ने फेक न्यूज़, टीआरपी संस्कृति, मीडिया ट्रायल, और कॉरपोरेट दबाव जैसे समकालीन मीडिया जगत की चुनौतियों पर भी गहन विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि आज की पत्रकारिता को पुन: अपनी नैतिक जड़ों की ओर लौटना चाहिए, जहाँ सच की कसौटी सर्वोपरि थी।
इस अवसर पर प्रो. बी. एम. यादव, अधिष्ठाता मानविकी संकाय, प्रो. सुधीर मलिक, प्रो. बाबूराम, प्रो. यशपाल, प्रो. ब्रह्मप्रकाश, प्रो. जगदीश भारद्वाज, और प्रो. जे. के. शर्मा उपस्थित थे। इन सभी ने व्याख्यान के महत्व को रेखांकित करते हुए हिंदी पत्रकारिता के सामाजिक योगदान और उसके भविष्य पर विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन लिटरेरी क्लब के संयोजक सचिव कुलदीप राठी एवं उनके सहयोगी सदस्यों द्वारा किया गया। समापन सत्र में डॉ. प्रोमिला ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में पत्रकारिता के प्रति समझ और संवेदनशीलता विकसित होती है, जो भविष्य में उन्हें जिम्मेदार पत्रकार बनने की प्रेरणा देगी।

Leave a Reply

You May Also Like