प्रदेश को 15 नवम्बर से 25 नवम्बर के बीच प्रति दिन 3 रैक डीएपी खाद मिलेगा चण्डीगढ, 9 नवंबर – हरियाणा के कृषि एवं किसान
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प्रदेश के किसान की एक एकड़ भूमि की बिजाई बिना डीएपी खाद के नहीं रहने दूंगा: कृषि मंत्री जेपी दलाल
मोदी सरकार ने सौ करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाकर पूरी दुनिया को किया अचंभित कृषि मंत्री ने श्री ब्राहमण महासभा व राव नरहरदास एवं
भावन्तर भरपाई योजना के 500 करोड़ कल से किसानों के खाते में डलने हो जायेगे शुरू- कृषि मंत्री जेपी दलाल
लोहारू: हल्के के गांव पहाड़ी में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जनसभा को किया संबोधित, कृषि मंत्री का बयान किसानों के वेश में कुछ लोग
बागवानी और मच्छली पालन को अपनाओ, कामयाब करके छोड़ूंगा- फेल नहीं होने दूंगा: कृषि मंत्री, आने वाले समय में हलके की प्रत्येक ढाणी में स्वच्छ पेयजल मिलेगा
सिवानी, 5 अक्टूबर। प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसान बागवानी और मछली पालन को अपनाएं। इसमें वे कामयाब करके छोड़ेेंगे और
हरियाणा में नहीं बिकेगा गुटका, पान मसाला व तंबाकू जिला उपायुक्त टीमें बनाकर करेंगे कार्रवाई
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने आगामी एक साल के लिए प्रदेश में गुटका, पान मसाला तथा तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदेश के
प्रदेश में कृषि, किसान एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात की। इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन, मछलीपालन के क्षेत्र में हुए विकास के बारे में जानकारी दी
नई दिल्ली,26 सितंबर। प्रदेश में कृषि, किसान एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात
हर संकट की घड़ी में सरकार हमेशा किसानों के साथ:कृषि मंत्री जेपी दलाल प्रदेश सरकार द्वारा बनाई मुख्यमंत्री बागवानी फसल बीमा योजना देशभर की अनूठी योजना
सिवानी, 24 सितंबर। प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार किसी प्रकार के संकट की घड़ी में हमेशा किसानों के साथ है।
नई दिल्ली के हरियाणा भवन में श्रीलंका के पिछड़ा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साथाशिवम वियालेंदेरान व श्रीलंका के प्रधानमंत्री के समन्वय सचिव सेंथिल थोंडमन ने हरियााणा के कृषि व किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल के साथ बैठक
नई दिल्ली। हरियाणा के पशुपालकों की उन्नति से प्रभावित होकर अब श्रीलंका में किसानों को मुराह नस्ल की भैंसों के पालन के लिए प्रेरित किया