हरियाणा में पहली बार आयोजित होने जा रहा जिंदल साहित्य महोत्सव 21 से 23 नवम्बर 2025 तक विद्या देवी जिंदल विद्यालय, हिसार के परिसर में होगा। तीन दिवसीय यह भव्य आयोजन राज्य में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है और हरियाणा में होने वाला पहला बड़ा साहित्य महोत्सव है।
इस महोत्सव की संस्थापक दीपिका जिंदल हैं, जो एक दूरदर्शी उद्यमी, परोपकारी तथा स्टेनलेस स्टील को एक जीवनशैली के रूप में स्थापित करने और शिक्षा व सशक्तिकरण पहलों को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती हैं। महोत्सव का निर्देशन अमिताभ सिंह बघेल द्वारा किया जा रहा है, जो नैनीताल साहित्य महोत्सव और कोसला साहित्य महोत्सव के संस्थापक तथा एक सांस्कृतिक उद्यमी हैं। महोत्सव सलाहकार नैना ढिल्लों, प्राचार्या, विद्या देवी जिंदल विद्यालय, और निखिल रुद्र, प्रशासक, विद्यालय के बौद्धिक और संचालन संबंधी मार्गदर्शन का दायित्व निभा रहे हैं।
“विचारों का कुटुंब” इस मूल भावना के साथ जिंदल साहित्य महोत्सव का उद्देश्य हिसार को राष्ट्रीय एवं वैश्विक साहित्यिक मानचित्र पर स्थापित करना है। महोत्सव के दौरान विद्यालय परिसर एक जीवंत साहित्यिक और सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित हो जाएगा, जहाँ सुविचारित संवाद-सत्र, कार्यशालाएँ, विषय आधारित मुक्त-भाव अभिव्यक्ति मंच तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित होंगी। यह आयोजन साहित्य, कला, संस्कृति के प्रेमियों, विद्यार्थियों तथा सामान्य समुदाय को सार्थक संवाद और रचनात्मक अभिव्यक्ति के अवसर उपलब्ध कराएगा।
जिंदल साहित्य महोत्सव में देश-विदेश से आए प्रतिष्ठित लेखक, कलाकार, विद्वान तथा रचनात्मक व्यक्तित्व शामिल होंगे। जिनमे प्रमुख नाम हैं, पुष्पेश पंत, मुज़फ़्फ़र अली, अनिरुद्ध कनिसेट्टी, सुहैल हाशमी, पं. विश्व मोहन भट्ट, शिंजिनी कुलकर्णी, विद्या शाह, मनोज कुमार झा (सांसद), अभय के., अनीता मणि, अपर्णा बीचम, पं. सलील मोहन भट्ट, चंद्रशेखर वर्मा, चंदर मोहन, छवि राजावत, गीतांजलि शर्मा, गीतअर्श कौर, गीतिका लिड्डर, हेमांगिनी डी. मजूमदार, आई. जी. कॉलिन्सन, ईशा, केना श्री, कर्षणा पेरिवाल, क़ुश भार्गव, लखविंदर सिंह, मधुरीता आनंद, महेन्द्र कुमार ‘सानी’, नैना ढिल्लों, निखिल रुद्र, ज्योत्सना मोहन, पवन के. वर्मा, पायल तलवार, पायल रमन, प्रत्यक्षा, प्रत्युष गुप्ता, रेवा रुद्र, ऋचा एस. मुखर्जी, ऋचा रुद्रा, साची साहेवाला, समीना अंसारी, स्पर्धा राठौर, सुदीप सेन, तराना हुसैन खान व् वासुंधरा।
यह विविध प्रतिभाओं का संगम — कथा साहित्य, कविता, इतिहास, पत्रकारिता, प्रदर्शन कला, पाक-विरासत, लोक-संस्कृति और समकालीन अभिव्यक्तियों जैसी विभिन्न विधाओं को समाहित करेगा, जिससे यह महोत्सव बौद्धिक रूप से प्रेरक तथा सांस्कृतिक रूप से अत्यंत जीवंत बनता है।
